क्या आपका विश्वविद्यालय Nature Positive है? जानिए NIRF 2025 का नया मापदंड
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🌿 प्रकृति-पोषक विश्वविद्यालय: अब NIRF 2025 में भी सततता होगी रैंकिंग का आधार
भारत में शिक्षा की गुणवत्ता को आंकने का एक प्रमुख पैमाना है – NIRF (National Institutional Ranking Framework)। अब इस फ्रेमवर्क में एक नया, महत्वपूर्ण और समय की मांग के अनुरूप बदलाव होने जा रहा है: सततता (Sustainability) को भी रैंकिंग का हिस्सा बनाया जाएगा। यह कदम भारत को "Nature Positive Universities" की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
🌱 क्या है "Nature Positive University"?
Nature Positive University का मतलब है ऐसा विश्वविद्यालय जो न सिर्फ शिक्षा में उत्कृष्टता लाता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों के प्रति जिम्मेदारी और स्थायी विकास के सिद्धांतों का पालन करता है। ऐसे विश्वविद्यालय:
🌿 हरित विश्वविद्यालय कैंपस: सौर पैनल, वृक्षों से आच्छादित रास्ते
🚯 प्लास्टिक मुक्त परिसर: रीयूज़ेबल उत्पादों का उपयोग करते छात्र
💧 सस्टेनेबल सिस्टम: वर्षा जल संचयन टैंक और कम्पोस्टिंग यूनिट
📚 पर्यावरण-प्रशिक्षित छात्र: हाथ में "Save Nature" संदेश लिए हुए
🏫 स्लोगन: “शिक्षा ही नहीं, प्रकृति की सेवा भी”
📊 NIRF 2025 में Sustainability को क्यों जोड़ा गया?
भारत सरकार और शिक्षा मंत्रालय यह समझते हैं कि आज की शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं रह सकती। जब जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि और प्रदूषण जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हों, तो विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी बनती है कि वे समाधान का हिस्सा बनें।
इसी सोच के तहत अब NIRF 2025 में "Sustainability Metrics" जोड़े जाएंगे, जैसे:
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कार्बन फुटप्रिंट में कमी
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अक्षय ऊर्जा का उपयोग
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हरित भवन निर्माण
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सतत विकास के लिए शोध और परियोजनाएं
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प्रकृति आधारित समाधान (Nature-based solutions)
🏫 भारत में कौन-कौन से विश्वविद्यालय आगे हैं इस पहल में?
कई प्रमुख भारतीय संस्थान पहले से ही प्रकृति-पोषक कदम उठा रहे हैं, जैसे:
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IIT मद्रास: सौर ऊर्जा से संचालित प्रयोगशालाएं
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अमृता विश्वविद्यालय: ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास परियोजनाएं
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TERI स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज: पर्यावरणीय अनुसंधान में अग्रणी
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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU): पौधारोपण और प्लास्टिक-मुक्त परिसर
🌏 छात्रों और समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
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पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ेगी
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हरित रोजगार (Green Jobs) की संभावनाएं बढ़ेंगी
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छात्रों में सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी विकसित होगी
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विश्वविद्यालय अपने स्थानीय समुदायों में भी सततता का संदेश फैलाएंगे
✍ निष्कर्ष
NIRF 2025 में Sustainability को शामिल करना सिर्फ एक नीति बदलाव नहीं है, यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए जिम्मेदारी का एक कदम है। जब विश्वविद्यालय प्रकृति के प्रति संवेदनशील होंगे, तभी समाज भी स्थायी और संतुलित विकास की ओर बढ़ेगा।
अब समय है कि हर विश्वविद्यालय Nature Positive बनने की दिशा में ठोस कदम उठाए।
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